पटना —
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र और जनशक्ति जनता दल के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने मंगलवार को एक मीडिया इंटरेक्शन में बड़ा राजनीतिक बयान दिया। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘जननायक’ मानने से इनकार कर दिया। तेज प्रताप ने कहा कि “पोस्टर पर जिनका नाम ऊपर होता है, वे जननायक नहीं होते।”
उन्होंने जननायक की परिभाषा देते हुए कर्पूरी ठाकुर, डॉ. भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी और राम मनोहर लोहिया का उदाहरण दिया। तेज प्रताप ने स्पष्ट किया कि “जननायक वही होता है, जिसे जनता चाहती है।”
अपने पिता लालू प्रसाद यादव को जननायक बताते हुए उन्होंने कहा कि “लालू जी का राहुल गांधी और तेजस्वी जी पर छत्र-छाया है।” इस बयान से उन्होंने परोक्ष रूप से संकेत दिया कि लालू यादव का कद दोनों नेताओं से बड़ा है।
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि उनके ऊपर किसी की छत्र-छाया नहीं, बल्कि बिहार की गरीब जनता और युवाओं का आशीर्वाद है। तेज प्रताप का यह बयान न केवल महागठबंधन के भीतर नेतृत्व के सवाल को हवा देता है, बल्कि राजद परिवार में भी राजनीतिक संतुलन पर नया विमर्श खड़ा करता है।


















