बिहार में चुनावी मौसम का असर अब शिक्षा विभाग तक पहुंच गया है। मोतीहारी के हरसिद्धि प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय कोबया के प्रधानाध्यापक बीरेंद्र महतो को ड्यूटी छोड़कर राजनीतिक दल के कार्यक्रम में हिस्सा लेना भारी पड़ गया। ढोल-नगाड़ों और जयकारों के बीच उनका वीडियो वायरल होते ही शिक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई की और हेडमास्टर को निलंबित कर दिया।
वायरल वीडियो में प्रधानाध्यापक को राजनीतिक नारेबाजी और प्रचार में सक्रिय रूप से शामिल देखा गया। यह मामला चुनाव आचार संहिता और सरकारी सेवा शर्तों के गंभीर उल्लंघन का माना गया।
डीईओ मोतीहारी राजन कुमार गिरी ने बीडीओ हरसिद्धि की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए निलंबन आदेश जारी किया। रिपोर्ट में पाया गया कि बीरेंद्र महतो ने सरकारी जिम्मेदारी छोड़कर राजनीतिक गतिविधियों में भाग लिया, जो सेवा नियमों का सीधा उल्लंघन है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने हेडमास्टर से 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन न तो कोई जवाब आया और न ही सफाई दी गई। इस चुप्पी को विभाग ने अपराध की स्वीकृति के रूप में देखा और तत्काल निलंबन का आदेश जारी कर दिया।
निलंबन अवधि में बीरेंद्र महतो का मुख्यालय बीआरसी रामगढ़वा तय किया गया है, जहां उन्हें नियमित उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
इस कार्रवाई ने शिक्षकों में खलबली मचा दी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह कदम एक “सख्त संदेश” है कि सरकारी सेवा में रहते हुए राजनीतिक दलों के प्रचार में शामिल होना न केवल अनुशासनहीनता बल्कि दंडनीय अपराध है।
मोतीहारी शिक्षा विभाग का यह निर्णय साफ तौर पर बता रहा है कि इस चुनावी माहौल में सरकारी नियमों की अवहेलना पर “ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई जाएगी।


















