नालंदा (बिहार):
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले जहां सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, वहीं अपराधी अपने मंसूबों से बाज नहीं आ रहे। ताज़ा मामला नालंदा जिले के हरनौत थाना क्षेत्र के फलहनवा गांव का है, जहां रविवार देर रात 48 वर्षीय चंद्रदीप प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
सुबह की खामोशी गोलियों की आवाज़ से टूट गई। धान के ढेर के बीच खड़ा चंद्रदीप प्रसाद अचानक ज़मीन पर गिर पड़ा। उसके चेहरे पर गोली के निशान थे और आसपास अफरा-तफरी मच गई।
ग्रामीणों के अनुसार, यह कोई अचानक हुआ झगड़ा नहीं था, बल्कि पुराने ज़मीन विवाद की कहानी का खूनी अंत था।
परिवार का कहना है कि कई साल पहले तीन बीघा ज़मीन का बंटवारा हो चुका था, लेकिन गोतिया पक्ष उसी पर दोबारा कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा था। आरोप है कि आरोपितों ने चालाकी से ज़मीन अपनी बहू के नाम करा ली थी और सोमवार को कब्ज़े की नीयत से खेत पहुंचे।
पहले कहासुनी, फिर गाली-गलौज और उसके बाद धाँय-धाँय की आवाज़ गूंजी। चंद्रदीप के चेहरे पर गोली लगी और वे मौके पर ही ढेर हो गए।
परिजनों ने आनन-फानन में उन्हें बिहारशरीफ सदर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मृतक की पत्नी सुलेखा देवी ने रोते हुए बताया कि,
“जमीन बंट चुकी थी, फिर भी वे कब्ज़ा करने पर आमादा थे। धमकी भी दी गई थी। आज मेरे पति को गोली मार दी गई।”
घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है। लोग घरों में कैद हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर खलिहान से साक्ष्य जुटाए और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
डीएसपी संजय कुमार जायसवाल ने बताया कि,
“प्रारंभिक जांच में मामला भूमि विवाद का है। नामजद आरोपितों की तलाश जारी है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”
यह वारदात एक बार फिर बिहार में ज़मीन विवादों पर खून बहने की कड़वी सच्चाई को सामने लाती है। खेत-खलिहान अब फसल से नहीं, बल्कि हवस और हिंसा के प्रतीक बनते जा रहे हैं।

















