बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने शिक्षा प्रशासन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। समिति को एक साथ तीन अंतरराष्ट्रीय ISO प्रमाणपत्र प्रदान किए गए हैं, जिसके साथ ही बिहार बोर्ड यह उपलब्धि हासिल करने वाला देश का पहला राज्य बोर्ड बन गया है। यह प्रमाणपत्र गुणवत्ता, सूचना सुरक्षा और रिकॉर्ड प्रबंधन के उच्च मानकों को पूरा करने के लिए दिए गए हैं।
समिति को Quality Management System (ISO 9001), Information Security Management System (ISO 27001) और Record Management System (ISO 30301) के लिए यह प्रमाणन मिला है। बिहार बोर्ड की ओर से समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर ने औपचारिक रूप से ISO प्रमाणपत्र प्राप्त किए।
आधुनिक सुधारों का परिणाम है यह अंतरराष्ट्रीय मान्यता
गौरतलब है कि आनन्द किशोर के नेतृत्व में बिहार बोर्ड ने बीते कुछ वर्षों में परीक्षा प्रणाली में बड़े और ऐतिहासिक सुधार किए हैं। इन्हीं नवाचारों और पारदर्शी कार्यप्रणाली के लिए उन्हें पहले ही प्रधानमंत्री पुरस्कार (Prime Minister’s Award for Excellence in Public Administration) से सम्मानित किया जा चुका है।
आधुनिक तकनीक के प्रभावी उपयोग का ही परिणाम है कि बिहार बोर्ड पिछले सात वर्षों से लगातार देश में सबसे पहले मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर रहा है। परीक्षा संचालन, मूल्यांकन और परिणाम प्रक्रिया में समयबद्धता और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई है।
42 वर्षों के रिकॉर्ड का हुआ डिजिटलीकरण
ISO प्रमाणपत्र प्राप्त करने के पीछे समिति द्वारा किए गए व्यापक रिकॉर्ड प्रबंधन सुधार भी अहम कारण रहे हैं। बिहार बोर्ड ने वर्ष 1983 से 2025 तक के मैट्रिक और इंटरमीडिएट के सभी रिकॉर्ड का पूर्ण डिजिटलीकरण कर लिया है। इससे न केवल रिकॉर्ड सुरक्षित हुए हैं, बल्कि छात्रों को प्रमाणपत्र और संबंधित सेवाएं भी तेजी से उपलब्ध हो पा रही हैं।
रिकॉर्ड रूम को आधुनिक स्वरूप दिया गया है और ऑफलाइन रिकॉर्ड संधारण की व्यवस्था को भी पहले से कहीं अधिक सुदृढ़ बनाया गया है। साथ ही सूचना सुरक्षा को मजबूत करते हुए डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
ERP सिस्टम से पूरी तरह पेपरलेस हुआ बोर्ड
समिति ने अपने सभी कार्यों को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए ERP (Enterprise Resource Planning) सिस्टम लागू किया है। इसके तहत अकादमिक, वित्त, मानव संसाधन, विधि, सतर्कता, शिकायत निवारण और सामग्री प्रबंधन जैसे विभिन्न मॉड्यूल्स को कंप्यूटरीकृत किया गया है।
पेपरलेस प्रणाली अपनाने से न केवल कार्यों की गति बढ़ी है, बल्कि जवाबदेही और पारदर्शिता भी सुनिश्चित हुई है। छात्रों और अभिभावकों से जुड़ी शिकायतों के निपटारे में भी तेजी आई है।
शिक्षा प्रशासन में मील का पत्थर
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार बोर्ड को मिला यह ISO प्रमाणन राज्य और देश की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक मिसाल है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि पारदर्शी प्रशासन, तकनीकी नवाचार और मजबूत नेतृत्व के जरिए सरकारी संस्थानों को भी अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुंचाया जा सकता है।
बिहार बोर्ड की यह सफलता न केवल राज्य के लिए गर्व की बात है, बल्कि अन्य शिक्षा बोर्डों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत मानी जा रही है।


















