बिहार में हालिया बुलडोजर कार्रवाई को लेकर महिलाओं में गहरा गुस्सा देखने को मिला। स्थानीय महिलाओं का आरोप है कि ‘यादवों के गांवों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है।’
महिलाओं का कहना है कि बुलडोजर चलवाने में कुछ नेताओं की भी भूमिका थी। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर फोर्स सड़क किनारे कार्य कर रही थी, लेकिन गुंडे उनके घरों में घुस आए और आग लगा दी। इसके बाद बुलडोजर से घरों को तोड़ दिया गया।
महिलाओं ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, “सम्राट चौधरी हमें फांसी चढ़वा दें, बेटियों को बेइज्जत किया गया।” उनका कहना है कि यह कार्रवाई केवल गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों को निशाना बनाकर की जा रही है।
स्थानीय निवासी और पीड़ित परिवारों का आरोप है कि कार्रवाई में किसी भी तरह का पूर्व सूचना या वैकल्पिक उपाय नहीं अपनाया गया। इससे न केवल घरबार बल्कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा पैदा हुआ है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई और विरोध से राज्य में सामाजिक तनाव बढ़ सकता है और प्रशासन को संवेदनशीलता से काम लेने की जरूरत है।
बेगुसराई से अजय शास्त्री की रिपोर्ट
















