मोकामा की सियासत के बीच एक ऐसी वारदात हुई जिसने इंसानियत को झकझोर दिया। 30 अक्टूबर की रात जनसुराज पार्टी के कार्यकर्ता और चर्चित चेहरा दुलारचंद यादव की हत्या जिस बेरहमी से की गई, वह किसी सामान्य अपराध की नहीं, बल्कि एक प्लान्ड “क्रश किलिंग” की कहानी बयान करती है।
पोस्टमार्टम करने वाले कर्मी महिपाल और डॉक्टरों की टीम ने जो देखा, उसने सबको सन्न कर दिया। अनुमंडलीय अस्पताल में तीन सदस्यीय मेडिकल टीम — डॉ. अजय कुमार, डॉ. रोहन और डॉ. दिलीप — ने शव का पोस्टमार्टम किया।
डॉ. अजय कुमार ने पुष्टि की कि रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है, लेकिन जो विवरण सामने आया है, वह किसी भी इंसान को हिला देने के लिए काफी है।
महिपाल के मुताबिक, “पसलियां धंसकर फेफड़ों को चीर गई थीं। दाएं हिस्से की सभी 12 पसलियां टूट गई थीं, बाईं तरफ की 8 पसलियां अंदर धंस गई थीं। हड्डियों के टुकड़े शरीर के भीतर चाकू की तरह फंसे थे, जिससे दोनों फेफड़े पंचर हो गए। हार्ट इतना दब गया था कि सपाट हो गया था, वाल्व बाहर निकल आए थे, और उसमें एक बूंद खून तक नहीं बचा था।”
डॉक्टरों ने बताया कि कमर से नीचे का हिस्सा पूरी तरह टूट चुका था। जांघें, कूल्हा और बायां कंधा बुरी तरह क्षतिग्रस्त थे, जिससे हाथ लटक गया था। शरीर के नीचे का भाग लगभग “फ्री” हो गया था।
महिपाल ने यह भी खुलासा किया कि दुलारचंद की एड़ी में गोली लगी थी, जो सीधे आर-पार गई, क्रॉस नहीं। यानी या तो गिरने के बाद या मौत के बाद गोली चलाई गई — ताकि वारदात को और भयावह दिखाया जा सके।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण “हाइपोवोल्मिक शॉक और कार्डियो-रेस्पिरेटरी फेलियर” बताया गया है — यानी अत्यधिक रक्तस्राव और फेफड़े-हृदय के फेल होने से मौत।
लेकिन रिपोर्ट की “मेडिकल इंग्लिश” की 37 पंक्तियों के पीछे जो सच्चाई छिपी है, वह किसी भी इंसान की रूह कंपा दे।
रिपोर्ट में दर्ज है —
“Crush injury to chest, multiple rib fracture, lungs puncture, cardiac flattening…”
महिपाल के शब्दों में,
“मैंने बहुत शव देखे हैं, लेकिन ऐसा शरीर पहली बार देखा। पसलियां मांस में धंस गई थीं, फेफड़ा छलनी था, दिल सपाट पड़ा था।”
दुलारचंद यादव घटना के वक्त जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी के साथ प्रचार अभियान में निकले हुए थे। शाम को हुई भीड़ के बीच झड़प में उनकी लाश सड़क पर पड़ी मिली।
अब सवाल उठता है —
क्या यह सियासी रंजिश का नतीजा था?
या किसी ने सत्ता के इशारे पर यह साज़िश रची?
फिलहाल जांच जारी है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मोकामा की राजनीति के भीतर छिपे क्रूर चेहरे को बेनकाब कर दिया है।

















