जमीन से जुड़े काम के एवज में मांगी थी घूस, कार्रवाई से अंचल कार्यालय में मचा हड़कंप
मुज़फ्फरपुर जिले के मोतीपुर अंचल कार्यालय में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब निगरानी विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अंचल के नाज़िर श्याम कुमार को 8 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई उस समय की गई, जब नाज़िर जमीन से जुड़े एक काम के बदले फरियादी से घूस की रकम ले रहा था।
आरोप है कि नाज़िर श्याम कुमार जमीन संबंधी कार्य—जैसे रसीद कटवाने या एलपीसी (भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र) बनवाने—के एवज में लगातार पैसे की मांग कर रहा था। परेशान होकर पीड़ित ने निगरानी विभाग से शिकायत की, जिसके बाद पूरे मामले की गोपनीय जांच कराई गई। सत्यापन में आरोप सही पाए जाने पर टीम ने जाल बिछाया और तय रणनीति के तहत नाज़िर को पकड़ लिया।
जैसे ही नाज़िर ने रिश्वत की रकम हाथ में ली, निगरानी टीम ने तुरंत दबिश देकर उसे रंगेहाथ धर दबोचा। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी अंचल कार्यालय या उसके आसपास से की गई, ताकि आरोपी को भागने का कोई मौका न मिल सके। कार्रवाई इतनी तेज़ थी कि नाज़िर को संभलने का अवसर तक नहीं मिला।
गिरफ्तारी के बाद निगरानी विभाग की टीम नाज़िर को अपने साथ पटना लेकर रवाना हो गई, जहां उससे गहन पूछताछ की जाएगी। इसके बाद आरोपी को विशेष निगरानी अदालत में पेश किया जाएगा।
इस कार्रवाई के बाद मोतीपुर अंचल कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल है। कर्मचारी और स्थानीय लोग दबी ज़ुबान में यह चर्चा कर रहे हैं कि जमीन से जुड़े कई काम बिना घूस दिए आगे नहीं बढ़ते थे। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि छोटे-छोटे कामों के लिए भी महीनों दौड़ाया जाता है और अंततः मजबूरी में रिश्वत देनी पड़ती है।
निगरानी विभाग की इस कार्रवाई को आम लोगों ने राहत की सांस बताया है और उम्मीद जताई है कि आगे भी ऐसे सख़्त कदम उठाए जाएंगे। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई सिर्फ एक नाज़िर तक सीमित रहेगी, या फिर पूरे अंचल में फैले रिश्वत के नेटवर्क तक जांच पहुंचेगी। फिलहाल मोतीपुर में संदेश साफ है—घूस लेते पकड़े गए तो सलाखों के पीछे जाना तय है, चाहे कुर्सी कितनी ही मज़बूत क्यों न हो।






















