सोनपुर, बिहार: विश्व-प्रसिद्ध सोनपुर मेला रविवार की सुबह अचानक सियासी और प्रशासनिक हलचल का केंद्र बन गया, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिना पूर्व सूचना के मेले का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। उनके आगमन की खबर जैसे ही फैली, जिला प्रशासन सक्रिय हो गया और मौके पर मौजूद अधिकारियों ने तत्काल व्यवस्था की कमान संभाल ली।
सीएम ने मेले में लगे विभिन्न सरकारी विभागों के स्टॉल, विशेषकर आर्ट एंड ग्राफ्ट सेक्शन का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने एक-एक स्टॉल पर जाकर कलाकारों से मुलाकात की, उनकी कठिनाइयों और रचनात्मक अनुभवों को सुना। कलाकारों ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात खुलकर रखी और सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की ज़मीनी हकीकत साझा की।
नीतीश कुमार ने अधिकारियों से मेले का प्रबंधन, सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण, स्वच्छता और सुविधाओं को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी। स्थानीय लोगों से भी उन्होंने संवाद कर मेले की स्थिति, सुझावों और कमियों के बारे में प्रत्यक्ष फीडबैक लिया। यह मुलाक़ात किसानों, कारीगरों और आम आगंतुकों के लिए एक अवसर बन गई, जिसमें वे सीधे राज्य के मुखिया से अपनी बात कह सके।
इस दौरान उनके साथ भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, जिला प्रशासन की पूरी टीम और विभागीय पदाधिकारी भी मौजूद थे। मंत्री और अधिकारियों ने राज्य स्वास्थ्य समिति, महिला विकास निगम, श्रम संसाधन विभाग, एनडीआरएफ और अन्य विभागों के स्टॉलों का भी निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए।
नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद सँभालने के बाद लगातार औचक निरीक्षणों की परंपरा को जारी रखा है। सोनपुर मेले में भी उन्होंने हर पहलू पर नजर रखते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने सारण के डीएम और कमिश्नर से भी विस्तृत बातचीत कर मेले की व्यवस्था, सुरक्षा और आगामी दिनों की तैयारियों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री के इस निरीक्षण से मेले के प्रशासनिक कामकाज में सुधार और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सकारात्मक संदेश गया।
पटना से राहुल कुमार की रिपोर्ट
















