रोहतास जिले में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) और कुछ संवेदकों के बीच कथित मिलीभगत का मामला सामने आया है। आरोप है कि जलापूर्ति योजनाओं के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये का भुगतान नहीं किया गया।
चार महीने पहले कार्यपालक अभियंता अमित कुमार ने सभी संवेदकों को आदेश दिया था कि 15 दिनों के भीतर ‘हर घर नल का जल’, पाइप जल योजना और मिनी जलयोजनाओं के लंबित बिजली बिल का पूरा भुगतान किया जाए। लेकिन संवेदकों ने कुल बकाया 12 करोड़ रुपये में से केवल 2 करोड़ रुपये ही चुकाए।
चौंकाने वाली बात यह है कि इतने बड़े बकाए के बावजूद बिजली विभाग ने किसी भी कनेक्शन की आपूर्ति नहीं रोकी। आम उपभोक्ताओं पर नियम सख्त लागू होते हैं, लेकिन करोड़ों रुपये के मामले में विभाग की यह चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।
जिलाधिकारी उदिता सिंह ने 14 अगस्त को पत्र जारी कर बकाया राशि की वसूली में तेजी लाने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके PHED की कार्रवाई नहीं हुई, जिससे अफसर–ठेकेदार गठजोड़ के आरोप और मजबूत होते दिख रहे हैं।
बकाया राशि में शामिल संवेदकों के नामों में आलोक कुमार सिंह, राजेश कुमार, गणपति बोरवेल और सत्य श्री साई कंस्ट्रक्शन शामिल हैं।
इस पूरे मामले ने जिले में चर्चा का नया विषय खड़ा कर दिया है—जब नियम आम लोगों पर सख्त हैं, तो करोड़ों रुपये के मामले में क्यों नरमी बरती जा रही है?

















